बिहार के औरंगाबाद में पिता-पुत्र और दो बहुओं को मिली उम्रकैद की सजा

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औरंगाबाद में उम्रकैद की सजा
औरंगाबाद न्यूज

Aurangabad News। बिहार के औरंगाबाद जिले में पिता-पुत्र और दो बहुओं को अदालत ने उम्रकैद की सजा दी है। औरंगाबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश-12 दिनेश कुमार प्रधान ने शनिवार को इस संबंध में फैसला सुनाया। अदालत ने मृतका संगीता देवी और उनकी पुत्री प्रियंका कुमारी हत्याकांड में कामेश्वर सिंह, कामेश्वर सिंह के दो पुत्र ब्रजेश सिंह और अनुज सिंह और उनकी दो बहुएं बेबी देवी और सरमिता देवी को उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके अलावा अदालत ने पिता-पुत्र पर 10-10 हजार रुपए और दोनों बहुओं पर 3-3 हजार रुपए का आर्थिक दंड भी लगाया।

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बता दें कि आज से 8 साल पहले औरंगाबाद के नवीनगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत रजवरिया गांव की संगीता देवी और उनकी पुत्री प्रियंका कुमारी की बेरहमी से तेज धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश-12 दिनेश कुमार प्रधान ने मां-बेटी के इस दोहरे हत्याकांड में सोमवार को पांच आरोपियों को दोषी ठहराया था। एक अन्य आरोपी जय कुमार को अदालत ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।

जीवित बेटी के लिखित बयान पर मिली सजा

मृतका संगीता देवी की पुत्री और प्रिया कुमारी की बहन खुशबू कुमारी के लिखित बयान के आधार पर औरंगाबाद के नवीनगर थाना में कांड संख्या 108/2012 दर्ज की गई थी। खुशबू घटना के समय तत्कालीन पुलिस महानिदेशक अभयानंद के मार्गदर्शन में संचालित मगध सुपर 30 की छात्रा थी। खुशबू अभी आईटी सेक्टर के एक कंपनी में बतौर इंजीनियर कार्यरत है।

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वरिष्ठ अधिवक्ता योगेन्द्र नारायण सिंह ने मुताबिक, 22 जुलाई 2012 को संगीता देवी के ससुर कामेश्वर सिंह, देवर ब्रजेश सिंह, अनुज सिंह और गोतनी बेबी देवी और सरमिता देवी ने मां-बेटी की बेरहमी से हत्या कर दी थी। मां-बेटी का शव कररवर नदी में बोरा में बंद करके फेंक दिया था। संगीता देवी का शव बेलबिगहा गांव और प्रिया कुमारी का शव सोन नदी से पुलिस ने बरामद की थी।

शनिवार को मृतका प्रिया के दादा,दो चाचा और दो चाची अदालत से उम्रकैद की सजा हुई। वरिष्ठ अधिवक्ता योगेन्द्र सिंह ने बताया कि हत्या का कारण संपत्ति विवाद था। अभियोजन पक्ष अदालत में प्रमाणित करने में सफल रहा। मृतक संगीता देवी विधवा थी, उनके पति की असमायिक मृत्यु 2001 में हो गई थी।

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