पटना में कानून व्यवस्था (law and order) एक बार फिर सवालों के घेरे में है। शहर के व्यस्त गांधी मैदान इलाके में नामचीन कारोबारी गोपाल खेमका (Gopal Khemka) की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना उस जगह पर हुई जो पटना का वीआईपी इलाका माना जाता है।
गोपाल खेमका अपने अपार्टमेंट के पास गाड़ी से उतर ही रहे थे। तभी घात लगाए बैठे हमलावरों ने गोलियां बरसा दीं। उन्हें आनन-फानन में मेडिवर्सल अस्पताल (Mediversal Hospital) ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
हत्या की यह वारदात गांधी मैदान थाना से सिर्फ 300 मीटर की दूरी पर हुई। इसके बावजूद पुलिस को मौके पर पहुंचने में आधे घंटे से ज्यादा समय लग गया। सेंट्रल एसपी दीक्षा कल्याणी रात करीब 2 बजे घटनास्थल पर पहुंचीं।
2018 में बेटे की हो चुकी थी हत्या
खेमका पहले से ही हाई रिस्क में थे। उनके बेटे गुंजन खेमका की भी साल 2018 में वैशाली में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस मामले में एक आरोपी मस्तु सिंह को गिरफ्तार किया गया था। बाद में उसकी भी हत्या कर दी गई। आज तक उस केस की गुत्थी नहीं सुलझ सकी।
अब गोपाल खेमका की हत्या ने पुराने केस को भी फिर से चर्चा में ला दिया है। दोनों हत्याओं का कनेक्शन पुलिस जांच का अहम हिस्सा बन सकता है। फिलहाल पुलिस सीसीटीवी फुटेज (CCTV footage) खंगाल रही है और कुछ संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है।
पुलिस का कहना है कि हत्या की वजह और हमलावरों की पहचान जल्द सामने लाई जाएगी। लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस की लेटलतीफी और ढीली निगरानी के कारण अपराधियों के हौसले बुलंद हैं।
गोपाल खेमका गांधी मैदान स्थित अपने फ्लैट में रहते थे। वारदात के बाद इलाके में तनाव है। रातभर उनके घर पर लोगों का तांता लगा रहा। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर मौजूद रहे, लेकिन अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।