प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना क्या है? प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना को प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना के नाम से भी जाना जाता है। भारत सरकार द्वारा कोविड-19 महामारी के बाद स्ट्रीट वेंडर्स की आजीविका को पुनर्जीवित करने के लिए यह योजना शुरू की गई। इस योजना का मुख्य उद्देश्य छोटे सड़क विक्रेताओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का उद्देश्य
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना की शुरुआत 1 जून 2020 को केंद्र सरकार द्वारा की गई थी। यह योजना विशेष रूप से उन छोटे व्यापारियों के लिए बनाई गई है जो सड़क के किनारे अपनी दुकानें लगाते हैं और अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। इस योजना के अंतर्गत सरकार छोटे विक्रेताओं को कार्यशील पूंजी के रूप में ऋण प्रदान करती है ताकि वे अपने व्यापार को पुनः स्थापित कर सकें।
पीएम स्वनिधि योजना के लाभ
1. बिना गारंटी के ऋण
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत छोटे विक्रेताओं को बिना किसी गारंटी के ऋण प्रदान किया जाता है। यह ऋण 10,000 रुपये तक का होता है। इसे 1 वर्ष की अवधि में आसान किस्तों में चुकाना होता है।
2. ब्याज में सब्सिडी
इस योजना के अंतर्गत नियमित रूप से किस्त चुकाने वाले विक्रेताओं को 7% की वार्षिक ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाती है। यह सब्सिडी विक्रेताओं के बैंक खाते में तिमाही आधार पर जमा की जाती है।
3. मासिक कैशबैक
योजना के तहत डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए भी प्रोत्साहन दिया जाता है। डिजिटल लेन-देन करने वाले विक्रेताओं को मासिक कैशबैक की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है।
पीएम स्वनिधि योजना पात्रता मानदंड
- इस योजना का लाभ वही विक्रेता उठा सकते हैं जो 24 मार्च 2020 से पहले से ही अपने व्यवसाय का संचालन कर रहे थे। इसके लिए विक्रेताओं को नगरपालिका द्वारा जारी किया गया पहचान पत्र या विक्रय प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। हालांकि यह प्रमाण पत्र 10 हजार से ज्यादा लोन के लिए देना होता है।
- योजना के अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों और गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) का भी सहयोग लिया जाता है ताकि अधिक से अधिक विक्रेताओं को इस योजना का लाभ मिल सके।
ऋण आवेदन की प्रक्रिया
1. ऑनलाइन आवेदन
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने के लिए इसे ऑनलाइन किया गया है। विक्रेता सरकार की आधिकारिक वेबसाइट या मोबाइल ऐप के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
2. ऑफलाइन आवेदन
यदि आप ऑनलाइन आवेदन करने में सक्षम नहीं है और आपके गांव में ऑनलाइन आवेदन की सुविधा नहीं है तो आप बैंक में जाकर भी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। बैंक में पीएम स्वनिधि योजना का फॉर्म एकत्र करना होगा और उसमें सभी जानकारी देकर वापस बैंक में ही जमा करना होगा।
पीएम स्वनिधि योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
इस योनजा में आवेदन के लिए विक्रेताओं को कुछ आवश्यक दस्ताेवज भी प्रस्तुत करने होगें। आइए जानते हैं उन दस्तावेजों के बारे में।
- पहचान पत्र (आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस इत्यादि)
- विक्रय प्रमाण पत्र
- बैंक खाता विवरण (बैंक खाता आधार से लिंक होना चाहिए)
- चालू मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट साइज फोटो
आवेदन करने के बाद आप अपने आवेदन की स्थिति को ऑनलाइन माध्यम से भी जांच सकते हैं। इसके लिए उन्हें अपना पंजीकरण संख्या या मोबाइल नंबर दर्ज करना होता है। बैंक फॉर्म जमा करने के बाद जो रसीद आपको प्राप्त होती है, उसे भविष्य में बैंक के साथ पत्राचार के लिए संभालकर रखें।
इस योजना को सफल बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। अब तक लाखों विक्रेताओं ने इस योजना के तहत ऋण प्राप्त किया है और अपने व्यवसाय को पुनः स्थापित किया है। यह योजना न केवल आर्थिक सशक्तिकरण का माध्यम बनी है, बल्कि डिजिटल इंडिया की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई है।
इस योजना के अंतर्गत महिला विक्रेताओं की भी महत्वपूर्ण भागीदारी देखी गई है। महिला उद्यमियों ने इस योजना का लाभ उठाकर न केवल अपने परिवार के लिए काम किया है बल्कि समाज में एक प्रेरणास्रोत भी बनी हैं।
केंद्र सरकार की चुनौतियाँ
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना ने छोटे विक्रेताओं को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है लेकिन फिर भी इसको लेकर सरकार के सामने कई चुनौतियाँ भी हैं। यह योजना केंद्र सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करना है। हालांकि इसके बावजूद भी कुछ चुनौतियाँ अभी भी बनी हुई हैं। जैसे कि ऋण की वापसी में कठिनाई, जागरूकता की कमी और डिजिटल लेन-देन में असुविधा। इन चुनौतियों के समाधान के लिए सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।