समर्थ नारी समर्थ भारत की ओर से आज महिलाओं के लिए मेंहदी, पेंटिंग, डांस प्रतियोगिता का आयोजन पुनाईचक स्थित प्रधान कार्यालय परिसर में हुआ। अपने उद्घाटन भाषण में संगठन की राष्ट्रीय सह संयोजिका बिहार-झारखंड, वेस्ट बंगाल की प्रभारी माया श्रीवास्तव ने सावन की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सावन माह को हमें यूं नहीं जाने देना चाहिए। इस माह को बदलाव का महीना कहा जाता है। इसके साथ खुद को बदलें।
माया श्रीवास्तव ने कहा कि सावन कहता है शिव को देखो, जो आशा और जीवन के प्रतीक हैं । सावन भगवान शिव को बहुत प्रिय है। इस महीने में प्रकृति अपने सम्पूर्ण रस और रंगों के साथ अठखेलियां करती है। कहा जाता है कि सावन में ही पार्वती जी ने अपने तप और ध्यान से शिव को पाया, इसीलिए मनुष्य भी दिव्य प्रकृति और उसके परम सत्य को जानने का अधिकारी है।
सावन महत्व्सव के अवसर पर समर्थ नारियों ने मेहंदी, नृत्य, पेंटिंग प्रतियोगितायों आयोजन किया। श्रीमती श्रीवास्तव ने कहा कि ऐसे आयोजन से समाज की महिलाओ के बीच जागरूकता आती है। महिलाएं अपने अंदर छिपी प्रतिभा को सामने लाती है और भविष्य में इसका सक्रिय प्रभाव उनके जिन्दगी में भी आता है। महिलाएं ऐसे आयोजन में शरीक होकर मानसिक रुप से भी स्वस्थ होती है।
श्रीमति श्रीवास्तव ने सफल प्रतियोगी को इस मौके पर बधाई भी दी। सभी सफल प्रतियोगी को संगठन की ओर से सम्मानित भी किया गया। साथ ही हुनरमंद बच्चों को भी सम्मानित किया गया।
संगठन की प्रदेश अध्यक्ष पुष्पा पाठक ने लोगों सावन की बधाई दी और साथ ही संस्था की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए श्रीमती श्रीवास्तव की प्रशंसा की। समरोह की अध्यक्षता पुष्पा पाठक, मंच संचालन प्रदेश महासचिव सुनैना सिंह, धन्यवाद ज्ञापन पटना महानगर अध्यक्ष अनिता मिश्रा ने की।
इस अवसर पर संगीता सिंह, राखी सिंह, रागनी सिंह, लीला यादव, पुष्पा पाठक, पूजा तिवारी, रीना श्रीवास्तव, अर्चना सिंह, किरण ठाकुर, पूजा ठाकुर, सिंकु साहनी, ज्ञानती ठाकुर, मीरा रानी, सुनीता दुबे, आराध्या पंडित, सालजा देवी, ममता रानी, ऋतिका सिन्हा, अंजू श्रीवास्तव, अंशिका वर्मा, राधा सिन्हा, मीना झा, प्रीति पाठक, सुविधा सेन, निशु घोस, पूनम देवी, निशा कुमारी, बबिता देवी, शकुंतला देवी, रूबी कुमारी, संजू देवी आदि महिलाएं बच्ची उपस्थित थी।