पटना। बिहार के पूर्व सीएम रह चुके जीतन राम मांझी ने महागठबंधन छोड़ दिया है। मांझी ने महागठबंधन से अलग होते ही राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर हमला बोलते हुए लालू यादव को दलित विरोधी बता दिया। जीतन राम मांझी के इस बयान के बाद राजद गरमा गई और जमुई से आरजेडी विधायक ने पटलवार कर इसका जवाब दिया।
राजद विधायक ने कहा कि जब आदमी समाज से कट जाता है और समाज को सामंती हाथों में बेचने का काम करता है तो उसका वही हश्र होता जो जीतन राम मांझी का हुआ। विधायक ने कहा कि मांझी लालू मंत्रिमंडल में भी काम कर चुके हैं लेकिन जब सीएम बने तो उन्होंने समाज के बारे में कभी नहीं सोचा। जीतन राम मांझी ने सिर्फ अपने लाभ के बारे में सोचा।
राजद विधायक ने कहा कि महागठबंध में उन्हें बहुत सम्मान मिला। लेकिन वे आज बद से बदत्तर स्थिति में हैं। वे न तीन में हैं न तेरह में। आरजेडी विधायक ने लालू यादव को दलितों का मसीहा करार दिया। उन्होंने कहा कि लालू ने सड़क पर सीना तानकर चलना गरीबों को सिखाया। उनको आवाज दी। मांझी द्वारा लालू यादव को दलित विरोधी कहना शोभनीय नहीं है।
बता दें कि बिहार में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है। कई पार्टी में नेताओं का आना जाना लगा हुआ है। हाल ही में श्याम रजक ने जदयू से निकाले जाने के बाद राजद का दामन थाम लिया। हालांकि सूत्रों के अनुसार, श्याम रजक के बारे में कहा जा रहा था कि वह पहले से ही राजद के संपर्क में थे। लेकिन जदयू द्वारा बेदखल किये जाने के बाद श्याम रजक ने राजद ज्वाइन कर लिया।
श्याम रजक जदयू से पहले राजद में ही थे। फिर जदयू में आए और फिर से अपने पुराने घर राजद में चले गए। राजद में जाने के बाद श्याम रजक ने कहा था कि उन्हें जदयू में सेवा का कोई विशेष लाभ नहीं हुआ।