Bihar Election – बिहार में किसकी सरकार? वोटिंग परसेंटेज कुछ और कहता है

0
39
Bihar Election
बिहार विधानसभा चुनाव का पहला चरण संपन्न

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) का पहला चरण संपन्न हो चुका है। चुनाव आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, 71 सीटों के लिए हुए मतदान का प्रतिशत इस बार 54.26 प्रतिशत रहा। यह 2015 के विधानसभा चुनाव (Assembly Election) से एक प्रतिशत कम है। 2015 में बिहार के सभी 243 सीटों पर 56.66% मतदान हुआ था। बिहार चुनाव (Bihar Election) में सभी दल अपने-अपने हिसाब से अपनी सरकार बनने की बात कह रहे हैं। हालांकि आंकड़ें यह कहते हैं कि बिहार में पहले से अंदाजा लगाना थोड़ा मुश्किल है कि ऊँट किस करवट बैठेगा।

वर्ष 2000 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो उस समय बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) में  62.57 % वोटिंग हुई थी। उसके बाद 2005 में 46.50%  और 2010  में 52.67%  मतदान हुआ था। वोटिंग ट्रेंड में देखें तो इस बार का पहले चरण का मतदान लगभग पिछले चुनाव से थोड़ा ही कम है। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में 53.92 फीसदी वोटिंग हुई थी।

यह भी पढ़ें -   महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलाधिपति से मिले अभाविप कार्यकर्ता, विभिन्न मुद्दों पर हुई चर्चा

चुनाव आयोग द्वारा बिहार विधानसभा चुनाव को समय पर कराए जाने को लेकर भी कई दलों ने विरोध किया था। चुनावी विष्लेशकों का मानना था कि कोरोना की वजह से इस बार चुनाव में वोट प्रतिशत कम होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। लोगों ने चुनावी समर में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। वोटिंग परसेंट पिछले विधानसभा चुनाव के लगभग नजदीक ही रहा।

वोटिंग के प्रतिशत देखने के बाद सभी दलों ने अपनी-अपनी सरकार बनने की बात कही है। सत्ता पक्ष मतदान में महिलाओं की बढ़ी संख्या से खुश दिखाई दे रहा है तो विपक्ष को युवा मतदाता की बढ़ी संख्या से उम्मीद है। राजद की तरफ से बिहार में बेरोजगारी के मुद्दे पर लगातार नीतीश सरकार को घेरा जा रहा है। राजद नेता लगभग हर सभा में बिहार से पलायन, बेरोजगारी और इंडस्ट्री का मुद्दा उठा रहे हैं।

यह भी पढ़ें -   जीतन राम मांझी ने लालू यादव को बताया दलित विरोधी, मिला ऐसा जवाब

बिहार में शराबबंदी भी एक बड़ा मुद्दा रहा है। सत्ता पक्ष और विपक्ष अपने-अपने हिसाब से इसपर तर्क दे रहे हैं लेकिन बिहार में शराबबंदी पर पुलिस और शराब माफिया के जुगलबंदी ने खेल बिगाड़ने का काम किया है। नौकरी के नाम पर बिहार चुनाव में इस बार राजद ने 10 लाख रोजगार देने की बात कही है। वहीं एनडीए की तरफ से भाजपा ने 19 लाख रोजगार देने की बात कही है।

कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) का मुद्दा भी बिहार चुनाव (Bihar Election) में देखने को मिला। एनडीए की तरफ से जारी घोषणा पत्र में कहा गया कि यदि बिहार में एनडीए की सरकार बनती है तो सभी को मुफ्त कोरोना वैक्सीन दी जाएगी। इस बार का बिहार विधानसभा चुनाव 5 के मुकाबले 3 चरणों में रहा है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि दूसरे चरण के मतदान से साफ हो जाएगा कि बिहार में इस बार सरकार बदलेगी या फिर जनता बदलाव नहीं चाहती है।

यह भी पढ़ें -   RJD संसदीय बोर्ड में हुआ फैसला, पहले चरण में 41 उम्मीदवारों के नाम तय